मंगलवार, 29 सितंबर 2020

जीवन

जीवन

जीवन क्या है?

एक सपना है।

जरा ध्यान से देखो,

कौन अपना है।

बचपन यदि साथी है

तो, बालपन तक।

यौवन यदि साथी है तो,

उम्र के एक पहर तक।

बुढ़ापा यदि साथी है तो,

अपने शहर तक।

परिवार यदि साथी है तो,

अपने घर तक।

रिश्तेदार यदि साथी हैं तो,

श्मशान तक।

बेटा अगर साथी है तो,

अग्निदान तक।

इसके बाद कौन तेरा,

फिर तो जीवन का नया सबेरा।

डॉ.अनिता सिंह 

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