सोमवार, 30 नवंबर 2020

वृद्धाश्रम

वृद्धाश्रम

ऐसा क्या गुनाह किया कि,
सबने मुझे छोड़ दिया।

पाला था जिसे प्यार से इतना,
उसने ही दिल तोड़ दिया।

परिवार से ही खुशियाँ थी,
पर परिवार ने ही मुंह मोड़ लिया।

कहाँ गए संस्कारों के मोती,
क्यों सबने उसे बिखेर दिया।

कहाँ रह गयी परवरिश में कमी,
जो अपनों ने ही छोड़ दिया।

जहाँ बसती थी खुशियाँ हर दिन,
वह निकेतन सबने तोड़ दिया।

जिसका भगवान के बाद दूजा स्थान,
उन्हें क्यों वृद्धाश्रम में ढकेल दिया।

बना छत्र छाया यह वृद्धाश्रम,
जिसने टूटे दिलों को जोड़ दिया।

डॉ. अनिता सिंह
बिलासपुर (छत्तीसगढ)

रविवार, 29 नवंबर 2020

प्रार्थना

प्रार्थना

जिसका गुढ़ अर्थ है वह शब्द है प्रार्थना ।
जो ईश्वर को नमन है वही स्वर है प्रार्थना।

ईश्वर के प्रति अटूट विश्वास है प्रार्थना।
मानव की करूण पुकार है प्रार्थना।

हृदय का निर्मल प्रवाह है प्रार्थना।
याचना के स्वर की आवाज है प्रार्थना।

दुखों में व्याकुल पुकार है प्रार्थना ।
सुखों में मन का उल्लास है प्रार्थना |

वेदना में सुखद अनुभूति है प्रार्थना ।
दिल के आहों की तृप्ति है प्रार्थना ।

ईश्वर के समक्ष मनुष्य का प्रश्न है प्रार्थना।
सुखद अनुभूति का ही प्रतिउत्तर है प्रार्थना।

निराकार को पाने दिव्य दृष्टि है प्रार्थना ।
सबमें समाया वही सृष्टि है प्रार्थना ।

डॉ.अनिता सिंह

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