मंगलवार, 21 अप्रैल 2020

पिता

प्रखर हैं, आलोकित हैं, देदीप्यमान हैं पिता ।
शांत हैं शीतल हैं, प्रकाशमान हैं पिता।।
सरल हैं गंभीर हैं, एकसार हैं पिता ।
स्नेह हैं, बंधन हैं, प्यार हैं पिता ।।
आराध्य हैं,उपासक हैं,भगवान हैं पिता।
जीवन हैं, संभल हैं, सम्मान हैं पिता ।।
घर हैं, परिवार हैं, संसार हैं पिता ।
छत हैं, छाया हैं, सहारा हैं,पिता ।।
पालन हैं, पोषण हैं, परिवार हैं, पिता ।
शक्ति हैं, भक्ति हैं, संस्कार हैं, पिता ।।
घने अंधेरे के सम्मुख चमकती धूप हैं पिता ।
जीवन में आती रोशनी के सदृश हैं पिता ।।
पिता हैं तो सर्वस्य मान सम्मान हैं ।
पिता से ही आन बान और शान हैं ।।
पिता हैं तो बच्चों का जीवन चाँदनी रात हैं ।
पिता से ही खुशहाल सारा परिवार हैं ।।
पिता बगैर जीवन का कोई अर्थ नहीं ।
पिता हैं तो बच्चों का जीवन कभी व्यर्थ नहीं ।।

डाॅ. अनिता सिंह

सोमवार, 6 अप्रैल 2020

कोरोना से लाभ

कोरोना से लाभ
शायद यह शीर्षक पढ़कर आप चौंक जाएँगे और कहेंगे कि जिस कोरोना ने पूरी दुनिया में हाहाकार मचाकर रखा है उससे क्या लाभ हो सकता है? लेकिन हैं बहुत सारे लाभ। भले ही कोरोना ने पूरी दुनिया को अपने चपेट में लिया है और जान बचाने के लिए शहर -शहर लाॅकडाउन है। सबसे पहले तो हमें खुद को जानने का मौका मिला है। आज अखबार पढ़ते हुए मन सोचने पर विवश हो गया है कि जिस कचरे वाले को हम सिर्फ उसकी गाड़ी की आवाज से पहचानते हैं और आवाज सुनते ही भागते हैं कचरा गाड़ी में डालने। हम आप इतनी जल्दी में रहते हैं कि धन्यवाद कहना तो दूर हम तो कचरे वाले का शक्ल भी नहीं देखते हैं। परंतु आज कोरोना के कारण जहाँ सब जगह लाॅकडाउन है वहीं ये सफाईकर्मी देवदूत बने सभी मोहल्ले की सफाई कर रहे हैं और लोगों को सोचने पर विवश कर रहें हैं कि इनके साफ सफाई के कारण ही हम सुरक्षित है। इसी परिणाम है कि पंजाब के नाभा जिले के लोग सफाईकर्मियों पर फूल बरसाकर उनका स्वागत कर रहें हैं। यह खुशी की बात है कि इस मुश्किल संकट की घड़ी में लोग मानवता का परिचय दे रहें हैं और कोरोना के खिलाफ जंग में हिस्सा लेने वालों का सम्मान कर रहें हैं। चाहे वह पुलिस, डाॅक्टर,नर्स,दूधवाला,सब्जीवाला,पेपरवाला,
समाजसेवी सभी सम्मान के योग्य है जो अपनी जान की परवाह किए बिना सेवा कार्य में लगे हैं।

डॉ अनिता सिंह
बिलासपुर (छत्तीसगढ़)


दीया

दीया
आओ सब मिलकर दीया जलाते हैं।
उत्साह, उम्मीद, उमंग को लाते हैं ।
एकता, अखंडता के नाम पर
जननी जन्मभूमि को चढ़ाते हैं।
आओ सब......................
संकल्प, संयम, सम्मान के साथ
सकारात्मक सोच को बुलाते हैं।
सेवा, संघर्ष, समर्पण के साथ चल
प्रेरणा के प्रतीक दीपक को शीश झुकाते हैं।
आओ सब मिलकर दीया जलाते हैं।

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