शनिवार, 13 अप्रैल 2019

फरेब

कैसे करूँ भरोसा हर जगह फरेब दिखता है।

सच दबकर बैठ गया है कोने में
हर जगह झूठ का चौपाल लगता है।

सच डरा सहमा मुरझाया सा
झूठ का फल फलता- फूलता है।

सच कहाँ से लाए कहीं बिकता नहीं
झूठ का दुकान हर जगह लगता है।

डॉ. अनिता सिंह
13/04/2019

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