बुधवार, 13 मार्च 2019

अजनबी

क्यों मुझे मिल गये तुम कहानी बनकर।
दिल में बस गए निशानी बनकर ।
रहते हो धड़कनो में जिंदगानी बनकर ।
नयनो से ढुलक जाते हो पानी बनकर ।
नींदों से जगाते हो ख्वाब सुहानी बनकर ।
फिर क्यों सामने आते हो अजनबी बनकर।

डॉ. अनिता सिंह
13/3/2018

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