एक पल जो तुम्हारे और मेरे बीच से गुजरा था कितना मखमली था गुजरता है आज भी वह पल पर तुमने उगा दिए हैं उस पल पर नफरतों के घने जंगल।
डॉ .अनिता सिंह
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