सोमवार, 15 जुलाई 2019

एक पल

एक पल जो
तुम्हारे और मेरे
बीच से
गुजरा था
कितना
मखमली था
गुजरता है
आज भी
वह पल
पर तुमने
उगा दिए हैं
उस पल पर
नफरतों के
घने जंगल।

डॉ .अनिता सिंह

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