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बुधवार, 11 सितंबर 2019
उम्मीद
जीतनी उम्मीद से
चातक देखता है
बादल को
उतनी ही
उम्मीद से
देखती हूँ
पथ मैं
तेरे आगम की।
डॉ. अनिता सिंह
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