सोमवार, 24 सितंबर 2018

घरौंदा

तेरी यादों का घरौदा
भी क्या खूब होता है।
तुम्हें भूलना चाहूँ तो
तू हर पल करीब होता है ।
तुम्हें देख खामोशियाँ
खिलखिलाती थी मेरी ।
अब तेरी याद में
मेरी आँखों में सिर्फ.....
नीर होता है ।

डॉ. अनिता सिंह
24/9/2018

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