रविवार, 5 मई 2019

शब्द

शब्द सिर्फ शब्दकोश का
श्रृंगार ही नहीं होते हैं ।

शब्दों की अनंत दुनिया में
जब प्रवेश कर जाते हैं।
तब इन्हें असिमित हम पाते हैं
कुछ शब्द तो ख्वाबों से जगाते हैं।
कुछ शब्द आँसू बनकर बह जाते हैं।
कुछ जिस्म को गहरा जख्म दे जाते हैं।
कुछ हौले - हौले से मुस्काते हैं।
कुछ प्रिय की मीठी याद दिलाते हैं।

डॉ. अनिता सिंह
05/05/2019

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