रविवार, 13 मई 2018

मुलाकात

कैसे कहूँ कि तुमसे मुलाकात नहीं होती ।
हर पल मिलते हैं तुमसे
पर दिल की बात नहीं होती।
कोई रात ऐसी नहीं
जब आँखों से बरसात नहीं होती।
कोई पल रिक्त नही
जब तेरी याद नहीं होती।
छिप कर रोती हूँ तेरी याद में
पर कोई आवाज़ नहीं होती।
हाले दिल भी पूछते हो अजनबी सा
कभी अपनेपन से बात नहीं होती।
कैसे भूल जाऊँ मैं तुझे तेरे सिवाय
दिल में किसी और की याद नहीं होती ।

डॉ. अनिता सिंह

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