गुरुवार, 3 मई 2018

स्वाति

तू स्वाति का बूंद 💧 है मेरा
मैं हूँ चातक तेरी ।
तू चाँद 🌙 की शीतल चाँदनी
मैं हूँ तेरी चकोरी ।
कब आओगे मीत मेरे
देख रही 'अन्नु' पथ तेरी।

डॉ. अनिता सिंह

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