रविवार, 24 जून 2018

नहीं दोष सिर्फ मेरी नज़रो

नहीं. ..दोष सिर्फ मेरी नज़रों का था
तुम्हारा भी था कुछ हमारा भी था।

न समझो हमें सिर्फ तुम यूँ गलत
तेरा मुस्कुराना इशारा भी था ।

मिला हमको जन्नत तेरी पहलू में
तेरे साथ खूबसूरत नज़ारा भी था।

क्यों करके किनारा हमसे चल दिए
ये टूटा हुआ दिल तुम्हारा भी था।

टूटकर सम्भली हूँ मुश्किलों से मैं
यह रहमत खुदा का तेरा दिल हमारा भी था।

डॉ. अनिता सिंह
24/6/ 2018

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