है तेरे लिए मेरी आँखों में नमी। खल रही है दिल को आज तेरी कमी। ख्वाब पिघलें हैं पलकों से आँसू बनकर, दिल में तेरी यादों की बरफ है जमीं।
डॉ. अनिता सिंह 28/10/18
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