फिजा़ से आती है तेरी खुशबू
जब तुम दिल की गली से गुजर जाते हो।
मेरा दिल तो तेरी यादों का घरौंदा है
तुम यादों की चौखट में प्रवेश कर जाते हो।
खिली हुई मुस्कान के साथ
जब दूर से आते दिख जाते हो।
मन प्रफुल्लित हो जाता है
जब धीरे से कुछ कह जाते हो।
जब तुम कहीं नज़र नहीं आते हो
तब एक पल भी बिसराये नहीं जाते हो ।
कभी जब बिन बोले आगे बढ़ जाते हो,
तब बंद पलकों से अश्रु बन ढुलक जाते हो।
डॉ. अनित सिंह
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