रविवार, 22 अप्रैल 2018

ख्वाब में

आज आया है कोई मेरे ख्वाब में।
छेड़ गया मीठी तान अनुराग में ।
उषा की लाली और सुरमयी विहान में।
ज्योति जगा गया जीवन के अंधकार में।
छू गया दिल को जैसे कुसमित उल्लास में।
जागृत होकर भी मैं हूँ निद्रा के उन्माद में।
आकर गुनगुनाया है मीठीआवाज़ में।
कुछ अनकही सुना गया मधुर अल्फाज़ में।
अपना बना गया आलोकित उजास में।
आज आया है कोई...................

डॉ. अनिता सिंह

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