तेरी तस्वीर से नज़र
हटाने का जी नहीं करता।
आँखें थक जाती है
पर दिल नहीं भरता ।
पलकें पथ निहारती है
वक्त नहीं गुजरता ।
मैं कहती दिल की बात
पर तू नहीं सुनता।
पूँछती हूँ तेरा हाल
पर ये तस्वीर नहीं बोलता।
डॉ. अनिता सिंह
27/8/2018
सोमवार, 27 अगस्त 2018
तस्वीर
रविवार, 19 अगस्त 2018
मेरे मीत
ओ मेरे मीत
अब तो मेरी आहें सुन लो।
शब्द हो गये खंजर
हृदय हो गये बंजर
अब तो उन पर उग आने दो।
करुणा बह रही आँखों में
बस टीस बची है हृदय में
अब तो राह दिखा दो ।
हुई प्रार्थना व्यर्थ
यह जीवन लगता निरर्थक
पतझण के इस मौसम में
नये कोपल खिल जाने दो।
पल -पल बीत रहा जैसे
युग -युग प्रतिपल प्रतिक्षण
मत रोको मुझे अब
अपने शरण में आने दो।
भूल भूलैया है मोह -माया
राग -विराग, आमोद -प्रमोद
अब सब कुछ तज मुझे
इस जहाँ से जाने दो।
डॉ. अनिता सिंह
19/8/2018
शुक्रवार, 10 अगस्त 2018
जब याद आते हो तुम......
जब याद आते हो तुम...............
दिल की धड़कने शोर करने लगती हैं।
आँखों से निर्मल सरिता बहती है।
उदासीनता के बादल घेर लेते हैं।
स्मृतियों के काँटे नश्तर से चुभने लगते हैं।
याद करती हूँ वो हर लम्हा...........
कैसे तुम मेरे इतने करीब आकर
आज मुझसे दूर चले गए।
कैसे एक खूबसूरत रिश्ते को
तुम नफरत में बदल गए ।
मेरा मन अभी भी तेरे ही प्रेम में डूबा है।
यह तो वर्फीली घाटी का वह रास्ता था
जहाँ से यदि कोई गुजरे तो
उन्हें लौटने का कोई रास्ता न था
फिर तुम क्यों और कैसे नये रास्ते खोज लिए।
डॉ. अनिता सिंह
1o/8/2018
रविवार, 5 अगस्त 2018
तलाश.....
हे प्रभु! तुम्हारी तलाश में
मैने जिंदगी गुजार दिया ।
तुम्हारे होने के अहसास ने
मुझे रोमांचित कर दिया।
तेरी ही अनुभूति में मैने
हर लमहां बिता दिया।
लेकिन तुम वैसे नहीं हो
जैसा मैने सोचा था।
तुमने मुझे अपने होने का
अहसास दिलाकर क्यों
अपने से दूर कर दिया ।
डॉ. अनिता सिंह
29/07/2018
दर्द की कहानी....
तेरे दिए जख्मों ने मेरी खुशियों को
दर्द में परिवर्तित कर दिया।
तेरे इंतजार में मेरा सुकून खो गया।
असीम दर्द देकर तू क्यों दूर हो गया।
गलत तो मैं भी नहीं थी
ये मेरे भाग्य का तकाजा था
जो तू मुझे गलत ठहरा गया ।
बना कर मित अपना
क्यों बेगाना कर गया।
कितना अच्छा होता न तुम मिलते
न दर्द की कहानी शुरू होती।
डॉ. अनिता सिंह
5/8/2018