तेरे दिए जख्मों ने मेरी खुशियों को
दर्द में परिवर्तित कर दिया।
तेरे इंतजार में मेरा सुकून खो गया।
असीम दर्द देकर तू क्यों दूर हो गया।
गलत तो मैं भी नहीं थी
ये मेरे भाग्य का तकाजा था
जो तू मुझे गलत ठहरा गया ।
बना कर मित अपना
क्यों बेगाना कर गया।
कितना अच्छा होता न तुम मिलते
न दर्द की कहानी शुरू होती।
डॉ. अनिता सिंह
5/8/2018
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