मंगलवार, 6 फ़रवरी 2018

स्पर्श

तेरे स्पर्श की स्मृतियाँ
दिल में हलचल मचा देती हैं।
सुने जीवन में मुस्कान खिला देती हैं।
मुझे तुम्हारे स्पर्श की आवाजें
अभी भी सुनाई देती हैं।
तुम्हारी अनुपस्थिति में
मैं तुम्हारे स्पर्श को
कागज पर उतारती हूँ।
मन ही मन पढ़ती हूँ।
दिल से महसूस करती हूँ
तुम्हारे स्पर्श की अनुभूति को।

डॉ. अनिता सिंह

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