मंगलवार, 13 फ़रवरी 2018

सौगात

तुम्हारे हाथों में
मैने सौप दी हैं चाबियाँ
तुम जाकर देख सकते हो
मेरे दिल के तहखाने में।

तुम्हारी दी हुई सभी सौगातों को
मैने अब तक सहेज रखा है -
तुम्हारी प्यार भरी नज़र ,
तुम्हारी शरारती अदा,
तुम्हारी मासूम मुस्कान ,
तुम्हारा प्यार भरा स्पर्श ,
तुम्हारा गुस्से से लाल चेहरा,
तुम्हारा अपनापन से डाँटना और
तुम्हारा मुझे प्रोत्साहित करना
सब कुछ सहेज रखा है।

तुम्हारी पहुँच से जरा दूर
कुछ तेरी तस्वीरें भी सहेज रखी है
उन्हें ध्यान से छूना
क्योंकि वो मेरी धरोहर हैं।

तुम्हारे दी हुई अनमोल सौगातें
यादें, दर्द और अपमान
दिल के आखिरी
तहखाने में सुरक्षित है
जो तुम्हें याद भी नहीं होगा कि
तुमने कब दिया था।
लेकिन मैने सहेज रखा है
जिसे तुम आकर देख सकते हो
दिल के तहखाने में रखी सारी सौगातें
क्योंकि तुम्हारा हक है।

डॉ. अनिता सिंह


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