मेरे हर अल्फाज़ तेरे लिए रोते हैं।
तू नहीं है अजनबी तभी तो तेरे लिए रोते हैं।
जागती हूँ हर रात तेरी याद में
और आप हैं कि सुकून की नींद सोते हैं।
आज भी तेरी एक झलक पाकर
हम दिल का चैन खोते हैं।
जिंदगी की हर बाजी जीती है हमने
तुमसे हारकर अब सिर्फ रोते हैं।
तेरी स्मृतियाँ ऐसी कि हर पल
'अन्नु' के दिल में नश्तर चुभोते हैं ।
डॉ. अनिता सिंह
Awesome
जवाब देंहटाएंBahut sunder
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