रविवार, 4 मार्च 2018

आगमन की उम्मीद

तुम एक खूबसूरत अहसास हो
जिससे कुसमित होता है मेरा जीवन।

जब तुम आते हो मेरे करीब
मन ,प्राण सब तुममे हो जाता है विलीन।

तुम्हारा स्पर्श अलौकिक सा आनंद देता है।
स्वतः मिट जाता है अपना अस्तित्व।

तेरे ख्यालों, तेरे यादों के बगैर
नहीं होती है मेरी सुबह से शाम।

आज तुम जब मुझसे दूर हो ,तब
तेरी स्मृतियाँ कर जाती हैं मुझे उदास ।

बंजर जमीं पर एक फूल खिला जाती है
तेरे आगमन की उम्मीद ...............।

डॉ. अनिता सिंह

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