ऐ हवा, तू जाकर बता दे उन्हें मेरे दिल के एहसास की बात। मेरे मौन के पीछे छिपे शब्दों के हलचल की आवाज़ की बात। मेरी पलकों में बंद आँसुओं से मुलाकात की बात। तड़पते हुए इस दिल में पलते हुए घाव की बात ।
डॉ. अनिता सिंह
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