नदान दिल तुझे समझा लूँ तो चैन आए । उनकी बेरूखी पर आँसू बहा लूँ तो चैन आए । उनके जुल्मों सितम का क्या शिकवा करूँ, एक बार उन्हे गले लगा लूँ तो चैन आए । डॉ. अनिता सिंह
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