बुधवार, 29 नवंबर 2017

आँखों का नूर

उम्मीद की  किरण हो तुम  तुझे जीतकर दिखाना है।
सीखने के  हर हुनर को तुझे   सीख कर दिखाना है।
मंजिल  की ऊँची राहों पर तुझे  चढ़कर दिखाना है।
तुझमें है  जितनी  प्रतिभा उससे निखरकर दिखाना है।
तुझमे है  इतनी  शक्ति उसे  बिखेरकर दिखाना है।
अपनी  क्षमता  से  आगे  तुझे  बढ़कर दिखाना है।
 हो तुम बहुत केबिल काबलियत सिद्धकरके बताना है।
भारत के हो सितारे  तुम्हें  कुछ करके दिखाना है।
माता पिता के हो आँखों के नूर तुम्हें रोशनी बनकर दिखाना है।

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