मैं और मेरी माँ का रिश्ता अटूट ।
जिसमें नहीं कोई डाल सकता फूट ।
माँ की ममता का मीठा अहसास।
कर जाता मुझे हरदम उदास ।।
काश ! मैं बाँट सकती माँ का दर्द ।
दुखों को उठा लेती बनकर हमदर्द ।।
समझा पाती सबको उनकी पीडा़ ।
उनके अरमानों को देती कोई दिशा ।।
उनके चेहरे पर ला सकती खुशियाँ ।
बन करके उनकी अच्छी बिटिया ।।
तमन्ना है मेरी हर रात हो उनकी दिवाली ।
हर दिन मे हो होली की गुलाली ।।
हर शाम हो उनकी सुरमयी ।
हर सुबह हो उनकी सतरंगी ।।
मैं और मेरी माँ रहते हरदम साथ ।
उनकी हाथों में रहता सदैव मेरा हाथ ।।
डॉ.अनिता सिंह
बिलासपुर (छ. ग.)
Luv u mummy❤❤😍😍
जवाब देंहटाएंMaa ki yaad aa gayi
जवाब देंहटाएंDil ko chhu gayi ye kavita
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