सोमवार, 22 जनवरी 2018

उँ ऐं सरस्वत्यै नमः

(1)माँ शारदे के चरणों में स्नेह जो लगाता है।
खिल जाएं शब्द चारो ओर यश पाता है।
माँ शारदे तेरी महिमा अपरमपार है,
तेरा आशीर्वाद लेखनी को धनी बना जाता है।

(2)माँ शारदे तेरी महिमा का मैने असर देखा है।
मेरी लेखनी पर तेरी कृपा का लहर देखा है ।
जिसे ढूँढती थी समुद्र की गहराई में ,
अब उन शब्दों को उर में लेते ठहर देखा है।
डॉ. अनिता सिंह

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