दिल के रिश्तों में भी
गणित का सुत्र लगा गया वो।
जाने क्या जोड़ - घटा कर
मेरी जिंदगी उलझा गया वो।
करके बहुत गुणा - भाग
मुझे हासिए पर बैठा गया वो ।
ले गया मेरी जिंदगी की सारी खुशियाँ
मेरे हिस्से में शुन्य छोड़ गया वो।
एहसासों में भी लाभ - हानि का सौदा कर
परे हट गया मुझे छोड़ कर वो।
दिल की जगह दिमाग का गणित लगाकर
करीब आकर दूर चला गया वो।
डॉ. अनिता सिंह
Kya baat hai
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