सोमवार, 8 जनवरी 2018

वो कौन है......?

वो कौन है....?
जो दर्पण बनकर उतर गया मुझमें।
जिसकी चाहत में मैं डूब गयी
और वह उभर गया मुझमें।

वो कौन है?
उसके लिए मैं बेचैन रहती हूँ
वही दर्द भर गया मुझे।

वो कौन है ?
इंसान है पत्थर नहीं समझ पायी
लेकिन जब करीब से गुजारा तो
मेरा बनकर रह गया मुझमें।

वो कौन है?
वो था तो अजब धूप -छाँव सी खुमार थी
अब तो दर्द का मौसम ठहर गया मुझमें।

वो कौन है?
उसकी यादें की शै ऐसी कि
कविता बनकर उतर गया मुझमें ।
डॉ. अनिता सिंह

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